मोनी का जन्मदिन (Moni’s Birthday)
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एक लड़की थी उसका नाम मोनी था। वह अभी 4 साल की थी। उसके घर में उसकी दादी और मम्मी-पापा रहते थे। उसके मम्मी-पापा दोनों नौकरी करते थे। जब उसके मम्मी-पापा नौकरी करने के लिए घर से निकल जाते थे, तो घर पर सिर्फ वह और उसकी दादी मां बचती थीं। पूरे दिन मोनी और उसकी दादी एक दूसरे के साथ खेलती थीं और काम भी करती थीं। दादी जो भी काम करती थीं, दादी की मदद करने के लिए मोनी साथ-साथ रहकर कुछ न कुछ किया करती थी। लगता था दादी ही उसकी मम्मी-पापा हैं। दिनभर वह अपने दादी के साथ रहती थी। दादी जब खेत काम करने जातीं तो मोनी को भी साथ ले जाती थीं। पूरे दिन वह अपने दादी के साथ खुश रहती थी। शाम को जब उसके मम्मी और पापा घर आते थे, तो वह बहुत खुश होती थी। दिनभर मम्मी-पापा का इंतजार करती, रास्ता देखती थी, कि अभी मम्मी आ रही होंगी, अभी पापा आ रहे होंगे। उसके मम्मी पापा भी दिनभर अपनी लड़की से दूर रहते थे। वे भी सोचते थे कि जल्दी से हम घर जाएं और अपनी लड़की से मिलें। मोनी छोटी थी और बहुत प्यारी थी। उसके मम्मी और पापा दोनों उसके लिए कुछ न कुछ लाया करते थे। कभी खिलौना, कभी खाने की वस्तु, कभी लॉलीपॉप तो कभी मूंगफली, और कभी-कभी तो मोटर गाड़ी भी। चीजों को पाकर वह बहुत खुश हो जाती थी।
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एक दिन उसका जन्म-दिन था। उस दिन उसके घर से कोई काम पर नहीं गया था। सभी लोग छुट्टी लेकर के घर पर ही थे। वह बहुत खुश थी। वह वैसे तो 4 साल की ही थी, लेकिन वह मनोभावों को समझने लगी थी। जब उसको कोई डांट देता तो रोने लगती थी, और कोई उसको प्यार करता था, तो खुश हो जाती थी। आज मोनी के खास दिन था। उसको मालूम हो गया था कि आज उसे एक टोपी पहनाई जाएगी। आज वह बर्थडे गर्ल है। आज उसके घर पर उसके मामा, बुआ, फूफा, मौसी, मौसा तमाम प्रकार के रिश्तेदार आये थे। उसके भाई-बहन भी जो रिश्तेदार में थे, आए थे। सब मिलकर के पूरे दिन उसके साथ खेल रहे थे। शाम का समय हुआ तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी लोग इकट्ठा हो गए। गुब्बारे से पूरा कमरा सजाया गया था। केक निकाल करके खोला गया। उस पर मोमबत्ती जलाई गई। मोनी ने फूक मार करके मोमबत्तियां बुझाई। सभी लोगों ने मोनी को हैप्पी बर्थडे बोला और तालियां बजाईं। बच्चों ने गुब्बारे फोड़े।
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मोनी ने केक काटा और सबको खिलाया। उसकी मम्मी ने उसको केक खिलाया और उसने अपने मम्मी को केक खिलाया। सभी लोग प्यार और दुलार से केक पर लगी क्रीम को उसके पूरे चेहरे पर लगा दिए। उसने बर्थडे की टोपी पहन रखी थी। सब लोग अपनी-अपनी मोबाइल निकाल करके बारी-बारी से उसकी फोटो ले रहे थे। कोई कह रहा था इस तरह से खड़ी हो जाओ, तो कोई कह रहा था इस तरह से खड़ी हो जाओ। कोई अपना गिफ्ट दे करके फोटो खींच रहा था, तो कोई उसको गोदी में लेकर फ़ोटो खिंचवा रहा था। मोनी बहुत खुशी थी। भोजन करने का समय आया, सभी ने खाना खाया और सोने चले गए। मोनी अपने दादी माँ को खोजने लगी। दादी मां बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने पूछा- दादी मां आपने खाना खाया? दादी मां ने कहा- हाँ बेटा मैंने खाना खा लिया। तुम खाना खाई हो कि नहीं? तो मोनी ने कहा- हाँ दादी मां मैंने खाना खा लिया है। मोनी बोली दादी मां मैं आपके लिए कुछ लाई हूँ, तो दादी ने कहा बेटा क्या लेकर आई हो? देखें तो। मोनी ने कहा अपना मुँह खोलिए दादी मां, तो दादी ने मुँह खोला दिया। मोनी ने केक का एक टुकड़ा दादी के मुँह में डाल दिया। दादी ने केक खाया और मोनी को ढेर सारा आशीर्वाद दिया। अंत में सभी लोग अपने-अपने बिस्तर पर जाकर सो गए। मोनी भी सो गई।
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